उत्तरखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने चारों धामों में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को मंदिरों की क्षमता से कहीं ज्यादा बताते हुए तीर्थयात्रियों से अपील की कि वह अपनी यात्रा टाल दे।
उन्होंने बताया कि चारधाम की यात्रा दिवाली तक जारी रहेगी। डीजीपी ने कहा,‘‘ चारधाम यात्रा में आजकल बहुत ज्यादा भीड़ है, जो मंदिरों की क्षमता से कहीं ज्यादा है।
इससे सभी को असुविधा हो रही है, यातायात प्रबंधन बहुत मुश्किल हो गया है; मंदिरों की तरफ जाने वाले पैदल मार्ग में भी अकसर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है और श्रद्धालुओं के लिए दर्शन भी सुगम नहीं हो पा रहे हैं।”
कुमार ने कहा, ‘‘कई श्रद्धालुो को लगता है कि यात्रा केवल मई-जून में होती है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह नवंबर के दूसरे सप्ताह तक चलेगी; यह दिवाली तक चलती है।
”उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में अक्टूबर का महीना मौसम के हिसाब से बहुत अच्छा होता है अत: श्रद्धालु असुविधा से बचने के लिए अभी अपनी चारधाम यात्रा टाल सकते हैं।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से गंगोत्री-यमुनोत्री के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं से अकसर यातायात जाम रहने वाले मसूरी मार्ग से न जाने की भी अपील की।
धामी ने तीर्थयात्रियों से की ये अपील
कुमार ने कहा कि वे मंदिरों को जाने के लिए मसूरी मार्ग की जगह विकासनगर, नैनबाग और डामटा मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। प्रदेश में बार-बार बिगड़ रहे मौसम के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी तीर्थयात्रियों से मौसम का अपडेट लेने के बाद ही यात्रा पर निकलने की अपील की, जिससे उन्हें रास्ते में परेशानी का सामना न करना पड़े।
यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए धामी ने कहा, ‘‘चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से मैं अनुरोध करूंगा कि बीच-बीच में भारी बारिश और बर्फबारी को देखते हुए मौसम की ठीक प्रकार से जानकारी प्राप्त कर लें और तभी यात्रा पर निकलें।”
अभी तक 6 लाख श्रद्धालु कर चुके केदारनाथ के दर्शन
उधर, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया, ‘‘बद्रीनाथ और केदारनाथ में हर दिन लगभग बीस हजार से ज्यादा श्रद्धालु आ रहे हैं जबकि प्रतिदिन की उनकी क्षमता करीब दस हजार की है।”
केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को खुले थे और तब से अब तक केदारनाथ में छह लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आ चुके हैं। इसी प्रकार 27 अप्रैल को बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद से वहां पांच लाख से ज्यादा तीर्थयात्री आ चुके हैं।
हालांकि, उनका यह भी कहना है कि दोनों धामों में पहुंचे लोगों में सभी श्रद्धालु नहीं है और इनमें से काफी बड़ी संख्या यू टयूबर्स और ब्लॉगर्स की भी है जिनका उद्देश्य तीर्थयात्रा के साथ ही अपने चैनलों की लोकप्रियता को बढ़ाना है।
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